ग्राउंड रिपोर्ट: जैसलमेर में मिग क्रैश, हवा में ही आग का गोला बना फाइटर प्लेन, हादसे में विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद, 2 किलोमीटर तक फैला विमान का मलबा ।
जैसलमेर में शुक्रवार रात हुए मिग 21 क्रैश को लोगो ने अपनी आंखों से मिग-21 को हवा में ही आग के गोले में बदलते और टुकड़े-टुकड़े होकर जमीन पर गिरते देखा था। इस हादसे में एक एयरफोर्स के एक जवान भी बच नहीं पाए । मिग क्रैश में एयरफोर्स के विंग कमांडर हर्षित सिन्हा देश की सुरक्षा के लिए अभ्यास के दौरान शहीद हो गए। उनकी शहादत पर लोगों की आंखें नम थीं। उनके अंदर इस जवान को आंखों के सामने जाते देखने की पीड़ा है। उन्हें अफसोस है कि वे कोई मदद नहीं कर पाए।
एयरफोर्स टीम ने सुबह-सुबह शुरू किया अभियान
उधर, डेजर्ट पार्क में दूर-दूर तक बिखरे विमान के टुकड़ों को सुबह-सुबह से समेटने का काम शुरू किया गया। एयरफोर्स और पुलिस के अधिकारी लगातार इसी काम में लगे हैं। इस बीच, ब्लैक बॉक्स की खोज भी की जा रही है। उससे ही हादसे की वास्तविक स्थिति की जांच हो सकेगी। फिलहाल एयरफोर्स ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
गांववालों को मदद नहीं कर पाने का दुख;
शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान बार्डर से लगते इलाके के डेजर्ट नेशनल पार्क में रात करीब 8:30 बजे भारतीय वायुसेना का मिग 21 क्रैश हो गया था। जिस समय हादसा हुआ, उस समय सर्दी के असर और गांव में जल्दी सोने के कारण लोग घरों में थे। हादसे से 4 किलोमीटर दूर नींबा गांव में घर के बाहर आंगन में बैठे गुलाम रसूल को आसमान में आग का गोला नजर आया। आग का गोला तेज आवाज के साथ जमीन पर आ गिरा। गुलाम रसूल ने बताया कि वे सब जहां आग का गोला गिरा उस तरफ दौड़े। घटना स्थल पर पहुंचे तो विमान का मलबा था, उसमे आग लगी हुई थी। तब समझ आया कि ये विमान है। चूंकि विमान हादसा डेजर्ट नेशनल पार्क में हुआ था, इसलिए किसी को भी अंदर जाने कि इजाजत नहीं थी।
वहां डीएनपी के अधिकारियों से पता चला कि विमान के पायलट की हादसे में मौत हो चुकी है। यह बस एक सदमा जैसा था। समझ नहीं आया कि अचानक एक झटके में सब कैसे हो गया।
2 किलोमीटर दूर तक बिखर गए टुकड़े
वन विभाग के डेजर्ट नेशनल पार्क के रेंजर नखतदान हादसे के समय सुदासरी में ही मौजूद थे। उन्होंने बताया, 'करीब 8 बजकर 20 मिनट पर आसमान में विमान को आग में घिरे हुए जमीन की तरफ गिरते हुए देखा। हम सब मौके के लिए भागे। विमान का मलबा करीब 2 किलोमीटर के एरिया में फैल गया। चारों तरफ आग लगी हुई थी। हमने देखा कि वायुसेना के पायलट की दर्दनाक मौत हो चुकी थी। थोड़ी ही देर में वायुसेना के लोग व जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने एरिया को सील कर दिया तथा पायलट के शव को अपने साथ ले गए। जगह-जगह बिखरे विमान के टुकड़ों के ठंडा होने का बस इंतजार करना था। इसके बाद एयरफोर्स के अधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया था। वे कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गए थे।'
Please do not enter any spam links in the comment box.