भारतीय सेना दिवस 2022 शुभकामनाएं, अपने प्रियजनों को सेना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
भारतीय सेना दिवस 2022 शुभकामनाएं स्थिति, उद्धरण: हर साल 15 दिसंबर को भारतीय सेना का एक बहुत ही खास दिन होता है। 1949 में आज ही के दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ थे। इसके बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने। साथ ही, यह दिन देश और उसके नागरिकों की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों के बलिदान को सलाम करने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष हम 74वां भारतीय सेना दिवस मना रहे हैं।
आज के समय में भारतीय सेना अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। जब करियप्पा सेना प्रमुख थे, तब भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे, जबकि आज उनकी संख्या 12 लाख से अधिक है। यहां हम कुछ शुभकामनाएं पेश कर रहे हैं जो आप अपने प्रियजनों या भारतीय सेना में सेवा करने वालों को भेज सकते हैं।
1- फौजी की मौत पर परिवार को
दुख कम, और गर्व ज्यादा होता है,
ऐसे सपूतों को जन्म देकर,
मां का कोख भी धन्य हो जाता है।
2- जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं
एक दिन उन्ही के पीछे काफिले होते हैं
सेना है तो हम हैं!
भारतीय सेना दिवस की शुभकामनाएं
3- कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,
कभी तपती धूप में जल के देख लेना,
कैसे होती हैं हिफ़ाजत मुल्क की,
कभी सरहद पर चल के देख लेना.
3- शांति से आप अपने घर में रह सकते है जबतक
की भारतीय सेना सीमा पर तैनात है
4- खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.
5- लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर,
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हिन्दुस्तान पर.
6- चीर के बहा दू लहूँ दुश्मन के सीने का,
यही तो मजा है फ़ौजी होकर जीने का।
7 -एक सैनिक ने क्या खूब कहा है.
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
8- हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,
वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया।
9- हमारी दिवाली में रोशनी इसलिए हैं क्योंकि सरहद पर अँधेरे में कोई खड़ा है।
10- सीमा नहीं बना करतीं हैं काग़ज़ खींची लकीरों से,
ये घटती-बढ़ती रहती हैं वीरों की शमशीरों से।
11- फरिश्ते सिर्फ आसमान में नहीं रहते,
जमीन-ए-हिन्द पर उन्हें जवान कहते हैं!
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